विदेश और अन्य राज्यों से लौटने वाले प्रवासी मलयालियों की सख्त स्क्रीनिंग
तिरुवनंतपुरम, 08 मई: केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन ने आज कहा कि सरकार केरल वापसी करने वाले प्रवासियों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'सरकार लौटने वाले प्रवासियों के लिए हर संभव सुविधा प्रदान कर रही है। रेड जोन से आने वालों को 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्वरांटाइन करना होगा। इसलिए रेड जोन से आने वालों को चेक पोस्ट से ही क्वारंटाइन केंद्रों में ले जाया जाएगा।"
कल संयुक्त अरब अमीरात से दो उड़ानें केरल पहुंचीं और आज सऊदी अरब से एक उड़ान के देर रात आने की उम्मीद है। अबू धाबी से कोच्चि की उड़ान 181 यात्रियों के साथ आई, जिसमें चार शिशु, 10 वर्ष से कम उम्र के 15 बच्चे और 49 गर्भवती महिलाएँ थीं। इस उड़ान में आए पांच लोगों को आइसोलेशन के लिए कलमशेरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। दुबई से कोझीकोड की उड़ान में पांच बच्चों सहित 182 यात्री थे।
रियाद से कोझीकोड की आज की विशेष उड़ान में 149 प्रवासी हैं। राज्य के 13 जिलों के 139 व्यक्तियों के अलावा, कर्नाटक और तमिलनाडु से भी 10 लोग हैं। सूची में 84 गर्भवती महिलाएं, 22 बच्चे, आपातकालीन चिकित्सा जरूरतों वाले पांच लोग और सत्तर साल की उम्र से ऊपर वाले तीन लोग शामिल हैं।
रविवार को तिरुवनंतपुरम में दोहा से एक उड़ान के आने की उम्मीद है, जिसमें तिरुवनंतपुरम, कन्याकुमारी, कोल्लम, आलप्पुझा और पतनमतिट्टा जिलों के लोग होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
उन्होंने क्वारंटाइन में भेजे गए लोगों से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दिए जाने वाले सभी निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया। “घर पर या क्वारंटाइन केंद्रों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए विशेष देखभाल की जानी चाहिए। क्वारंटाइन केंद्रों को राहत शिविरों की तरह स्थापित नहीं किया जाता है जो प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में बहुत जल्दी स्थापित होते हैं। इधर, कई दिनों से तैयारी चल रही है और स्वास्थ्य देखभाल के मानकों के अनुसार आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं,“ मुख्यमंत्री ने कहा।
लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे 86,679 मलयालियों ने पास के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से 37,891 (43.71%) रेड ज़ोन से हैं। अब तक 45,814 पास जारी किए जा चुके हैं और इनमें से 19,476 रेड जोन के लोगों के लिए हैं। अब तक 16,385 लोग केरल वापस आ चुके हैं। इनमें से 8,912 रेड जोन से लौटे हैं। जो लोग कल लौटे हैं उनमें से 3,216 को क्वारंटाइन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जो लोग पहले रेड जोन से आए थे उनकी पहचान कर उन्हें भी 14 दिनों के आइसोलेशन के लिए सरकारी क्वारंटाइन केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है। 10 साल से कम उम्र के बच्चे, 75 से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक और गर्भवती महिलाएं घरों में ही रह सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मानक वितरण प्रक्रिया के अनुसार पास वितरण जारी रहेगा, लेकिन बिना पंजीकरण के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
इस बीच 07 मई तक 24,088 प्रवासी मजदूर 21 विशेष नॉन-स्टॉप ट्रेनों में केरल से अपने मूल राज्य जा चुके हैं। इसमें बिहार के लिए नौ ट्रेनों में 10,017 प्रवासी मज़दूर; ओडिशा के लिए तीन ट्रेनों में 3,421; झारखंड के लिए पांच ट्रेनों में 5,689; उत्तर प्रदेश के लिए दो ट्रेनों में 2,293; मध्य प्रदेश के लिए एक ट्रेन में 1,143 और पश्चिम बंगाल के लिए एक ट्रेन में 1,131 यात्री शामिल हैं।
केरल से कोविड-19 की ख़बर
दस लोग ठीक हुए, एक नया मामला आज, कुल 16 रोगियों का इलाज जारी
तिरुवनंतपुरम, 08 मई: केरल में कोविड-19 का सिर्फ़ एक नया मामला आज एर्नाकुलम जिले में सामने आया है, यह व्यक्ति हाल ही में चेन्नई से केरल लोटा है। इस बीच ऐसे दस रोगी जिनका कोविड-19 के लिए इलाज चल रहा था, उनका परीक्षण का परिणाम आज नकारात्मक रहा। ये सभी रोगी कन्नूर जिले के हैं। अब तक राज्य में कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 503 मामलों की पुष्टि हुई है, और फ़िलहाल 16 रोगियों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
राज्य में 20,157 व्यक्ति अभी भी आइसोलेशन में हैं, 19,810 अपने घरों पर और 347 अस्पतालों में। 127 व्यक्तियों को आज अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
आज तक 35,886 नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है और 35,355 नमूनों में कोई संक्रमण नहीं मिला है। उच्च जोखिम वाले समूह के लोगों की प्रहरी निगरानी के हिस्से के रूप में 3,380 नमूने अलग-अलग एकत्र किए गए और उनका परीक्षण किया गया है। इनमें से 2,939 नमूनों ने नकारात्मक परीक्षण किया है।
राज्य में कोई नया स्थान आज हॉटस्पॉट के रूप में घोषित नहीं किया गया और फ़िलहाल केरल में अभी 33 हॉटस्पॉट हैं।
मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन ने कहा, “आज 100 दिन पूरे हो चुके हैं, देश में कोविड-19 का पहला मामला पाए जाने के जो 30 जनवरी को केरल में वुहान से लौटे एक छात्र में मिला था। हमने उस स्तर पर प्रसार को रोक दिया था दूसरे चरण की शुरुआत मार्च के पहले सप्ताह में हुई। अब दो महीने के बाद हम प्रसार को समतल करने में कामयाब रहे हैं। हमारा राज्य प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम रहा है और हमारे यहां ठीक होनी की दर दुनिया में सबसे अधिक है। हम तीसरे चरण से बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। विदेशों और अन्य राज्यों से प्रवासी मलयालियों की वापसी के साथ, हमें आने वाले दिनों में और अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। हम इस संबंध में आम जनता से जिम्मेदार व्यवहार की उम्मीद करते हैं।”
समाप्त
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